दिल्ली की जहरीली हवा और बदलते मौसम से बढ़ रहे है नाक, गले के इन्फेक्शन, तो ये घरेलू उपाय आएंगे काम

दिल्ली का प्रदूषण स्तर बहुत खराब हो गया है। आज बुधवार, 1 नवंबर की सुबह दिल्ली का एक्‍यूआई 336 हो गया। इन परिस्थितियों में लोगों को सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है और वे नाक-गले की समस्याओं से पीड़ित होते जा रहे हैं।

बदलते मौसम ने लोगों की समस्या बढ़ा दी है। घर-घर में खांसी, गले में खराश, सांस लेने में कठिनाई और बुखार आम बात हो गयी हैं। वहीं दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की वजह से ये समस्याएं लोगों को और भी परेशान करती जा रही हैं। दिल्‍ली में प्रदूषण का स्‍तर ‘बहुत ही खराब’ हालत पर पहुंच गया है। आज बुधवार, 1 नवंबर की सुबह दिल्ली में एक्‍यूआई 336 रहा है। इन परिस्थितियों में लोगों को सांस लेना और भी मुश्किल होता जा रहा है और वे नाक-गले की समस्याओं से पीड़ित होते जा रहे हैं।

इन परिस्थितियों में आप अपना खुद का खयाल कैसे रखें। आइये जानते है।

नमक का पानी से गरारे करना : डॉ. रमाकान्त शर्मा, एक नेचुरोपैथी विशेषज्ञ है और वे कहते हैं कि मौसम और प्रदूषण से होने वाली इन परेशानियों से बचने के लिए सबसे पहले अपनी नाक और गले की सफाई करना बहुत ही जरूरी है। गले में इंफे‍क्‍शन के कारण कई बार गले में सूजन आ जाती है, दर्द होने लगता है. ऐसे में आप गुनगुने पानी में हर दिन दो से तीन बार हल्का सेंधा नमक डालकर गरारे करे इससे गले के इंफे‍क्‍शन में रहत मिलती है और इससे गले के इंफे‍क्‍शन से हुई सूजन भी कम होगी और बैक्टीरिया मर जाएंगे।

स्‍टीम लेंने को बहुत की कारगर माना गया है: स्टडी बताती है, की स्‍टीम आपके मुंह, नाक, गले और फेफड़ों को साफ करता है। पानी में नीलगिरि का तेल या कारवोल प्लस कैप्‍सूल या घर में रखी विक्स को गरम पानी में मिलाकर स्‍टीम करें। हमेशा स्‍टीम करते समय सिर को तौलिए से ढकें और फिर स्‍टीम लें। इससे नाक के मार्ग में होने वाली रुकावट दूर होती हैं, फेफड़ों में जमा कफ और गंदगी आसानी से निकाल जाती है। और इससे होने वाली कई बीमारियां दूर होती हैं।स्‍टीम हमेशा रात को सोते समय लेना ही फायदेमंद माना जाता है।

नेजल ड्रॉप: नेजल ड्रॉप नाक बंद वाली समस्याओं को दूर करने में में बहुत अच्छा कारगर साबित होता है। लेकिन किसी विशेषज्ञ की सलाह से ही इनका उपयोग करें। खुद से किसी भी प्रकार का उपयोग न करें। बादाम रोगन तेल या पूरी तरह से बना गाय का शुद्ध घी भी नाक में दो-दो ड्रॉप करके डाल सकते हैं। इससे नाक में बनी ड्राईनेस कम होती है।

हल्‍दी वाला दूध: इस मौसम में हर रात सोते समय हल्‍दी वाला दूध पीएं। दूध थोडा गर्म होना चाहिए। अगर आप चाहें तो इस दूध में दो चुटकी सोंठ भी डाल सकते हैं। हल्‍दी में एंटीबैक्‍टीरियल गुण पाए जाते हैं। जो इस मौसम की खांसी और सर्दी-जुकाम में बहुत ही लाभदायक साबित होती है।

तुलसी की पतियों से बना काढ़ा: इस मौसम में तुलसी की पत्तियों का काढ़ा भी बहुत फायदेमंद है। तुलसी के पत्ते में एंटीबैक्‍टीरियल गुण पाए जाते  हैं। इस काढ़े को  बनाते समय आप थोड़ी सी हल्‍दी, गिलोय के डंठल, मुलैठी, सेंधा नमक, काली मिर्च अजवाइन और तुलसी के पत्ते भी डाल सकते हैं। इससे इस बदलते मौसम से होने वाले सर्दी जुखाम नाक बंद से होने वाली समस्याओं में बहुत लाभ मिलता है।

इन बातों का ध्‍यान रखना बहुत जरूरी

1. ठंडी चीजों, ऑयली फूड और बाहर बिकने वाली तमाम चीजों को खाने से परहेज करें.
2. सुबह के समय घर से निकलने से बचें और अगर निकल रहे हैं तो मास्‍क जरूर पहनें.
3. लेमन टी पीएं या किसी अन्‍य तरीके से डाइट में विटामिन सी की मात्रा बढ़ाएं.
4. अपनी डाइट में अधिक से अधिक लिक्विड चीजों को शामिल करें.
5. रात को ठंड अधिक होती है और दिन में गर्मी. ऐसे में रात को पूरे-मोटे कपड़े पहनें.

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